सरकार द्वारा चलाई जा रही PM Kisan Yojana के अंतर्गत किसानों को समय पर भुगतान देने के उद्देश्य से 3 अगस्त 2025 (रविवार) को भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक खोले गए। इस निर्णय का मुख्य कारण था कि PM Kisan Yojana की नई किस्त सीधे किसानों के खाते में भेजी जानी थी।
बैंकों को अचानक सप्ताह के अवकाश वाले दिन भी खोलने के निर्देश दिए गए, जिससे कर्मचारियों में असंतोष देखा गया। बैंक यूनियनों ने कहा कि PM Kisan Yojana के तहत किसानों को पैसे देना एक ज़रूरी कार्य है, लेकिन इसके लिए कोई गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया था, जिससे यह कानूनी रूप से सवालों के घेरे में आ गया।
यूनियनों ने यह भी कहा कि बिना उचित प्रक्रिया के बैंक खोलने से कर्मचारियों की कार्यशैली और व्यक्तिगत जीवन पर असर पड़ता है। हालांकि, सरकार का मानना है कि PM Kisan Yojana के तहत करोड़ों किसानों को समय पर लाभ मिलना चाहिए और इसके लिए बैंकिंग सेवाएं चालू रहनी जरूरी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसानों को समय पर किस्त नहीं मिली तो PM Kisan Yojana की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है। केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, किसानों के खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से ₹2000 की 17वीं किस्त भेजी जानी है।
बैंकिंग कर्मचारियों ने यह भी मांग की है कि अगर भविष्य में इस तरह के कदम उठाए जाएं तो पहले से पूरी सूचना दी जाए और उचित आदेश जारी किए जाएं। किसानों ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि PM Kisan Yojana जैसी योजनाएं तभी सफल होंगी जब समय पर धनराशि मिले।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि PM Kisan Yojana के प्रभाव को बनाए रखने के लिए सरकार को योजनाबद्ध तरीके से कदम उठाने होंगे ताकि बैंक कर्मचारी और लाभार्थी दोनों संतुष्ट रहें।
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