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कड़े दस्तावेज़ी सत्यापन से बनेगा मजबूत आधार – Aadhaar Enrolment Norms Tightened

Aadhaar Enrolment Norms Tightened

Aadhaar Enrolment Norms Tightened: यह बदलाव क्यों?

UIDAI (Unique Identification Authority of India) ने हाल ही में घोषणा की कि Aadhaar Enrolment Norms Tightened किये जा रहे हैं, ताकि केवल वास्तविक भारतीय नागरिक ही आधार कार्ड प्राप्त कर सकें। सरकार ने नए दस्तावेज़ सत्यापन और राज्य-स्तर की जाँच प्रणाली लागू की है।


नए नियम – क्या नया लागू हुआ?

  1. दस्तावेज़ सत्यापन में सख्ती
    • अब पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, PAN, MGNREGA रिकॉर्ड, पैदाइशी प्रमाण-पत्र आदि दस्तावेज़ों को आधार enrolment/update के दौरान क्रॉस-चेक किया जाएगा।
      1. राज्य सरकार की भूमिका बढ़ी
    • राज्य पोर्टलों पर पहले सत्यापन के बाद ही UIDAI आधार जारी करेगा, जिससे गैर-नागरिकों को रोकना संभव होगा।
      1. Biometric और डेटाबेस लेयर
    • आधार अपडेट के दौरान AI/ML आधारित चेहरे और फिंगरप्रिंट की live detection तकनीक लगा दी गई है।
      1. व्यक्ति-विशिष्ट नियम
    • वयस्कों के लिए अधिक कड़े नियम; बच्चों के लिए, 7 वर्ष की उम्र में बायोमीट्रिक अपडेट अनिवार्य है, और शुल्क ₹100 है।

क्यों आवश्यक था ये बदलाव?


वरिष्ठ अधिकारियों का बयान

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,

“अब गैर-कानूनी प्रवासियों को आधार प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा।”
इस बदलाव से Aadhaar Enrolment Norms Tightened की वास्तविकता स्पष्ट होती है ।


दिल्ली में सुधार की मांग

दिल्ली LG, वीके सक्सेना ने निर्देश दिए हैं कि आउटसोर्स बेसिस पर चल रहे आधार केन्द्र बंद कर दिए जाएँ और सभी केन्द्रों को “in-house” मॉडल पर दो महीने के अंदर तैयार किया जाए ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।


आधार धारकों के लिए असर


विशेषज्ञों की राय

नागरिक समूह कहते हैं कि यह कदम पहचान धोखाधड़ी रोकने के लिए अच्छा है, लेकिन इधर सिस्टम धीमा हो सकता है और कुछ असली नागरिकों को परेशानी हो सकती है।


निष्कर्ष: सुरक्षित आधार, भरोसेमंद पहचान

Aadhaar Enrolment Norms Tightened का यह बदलाव भारत की पहचान प्रणाली में साफ‑सफाई और विश्वसनीयता लाने की दिशा में सकारात्मक कदम है। अब आधार केवल दस्तावेज़ नहीं, बल्कि सशक्त पहचान मंच बन जाएगा।

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