Bharat UK Trade Deal 2025 के लंबे समय से चल रही व्यापार वार्ताओं (Trade Negotiations) में अब एक बड़ा मोड़ आया है। भारत सरकार ने UK की कंपनियों को अपने सरकारी खरीद (Government Procurement) सिस्टम में भाग लेने की आंशिक अनुमति दे दी है।
अब ब्रिटिश कंपनियां भारत सरकार के टेंडर में हिस्सा ले सकेंगी — वो भी बिना किसी भारतीय साझेदार के।
🔍 क्या-क्या खुला Bharat UK Trade Deal 2025 कंपनियों के लिए?
- कुल मिलाकर ₹2 लाख करोड़ से अधिक की सरकारी खरीद प्रक्रिया के लगभग 40,000 टेंडर अब UK कंपनियों के लिए उपलब्ध होंगे।
- इन टेंडरों में शामिल हैं:
- रेलवे उपकरण
- स्वास्थ्य सेवाएं
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
- डिफेंस सप्लाई
- शर्त: उत्पाद में कम से कम 20% लोकल कंटेंट होना अनिवार्य है।
📊 इस डील के फायदे
- भारत और UK के बीच Free Trade Agreement (FTA) को नई दिशा मिलेगी।
- भारत ने पहली बार किसी पश्चिमी देश को सरकारी खरीद बाजार में औपचारिक रूप से प्रवेश दिया है।
- इससे भारत को विदेशी निवेश, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और प्रतिस्पर्धा में लाभ मिलेगा।
⚠️ क्या कोई खतरा है?
- भारतीय MSME पर असर पड़ सकता है।
- Make in India को चुनौती मिल सकती है।
- सरकार को स्थानीय रोजगार और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करनी होगी।
🗨️ सरकार का बयान
“हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि भारतीय उपभोक्ताओं को सबसे बेहतर सेवाएं मिलें।“
– वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार
🔚 निष्कर्ष
यह डील भारत-UK व्यापार संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जा सकती है, लेकिन स्थानीय उद्योगों की चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।